Wednesday 12 August 2015

राहुल अपनी 'ममा' से पूछें कि क्वात्रोच्चि को भगाने में कितना पैसा मिला :सुषमा

लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पर बहस के दौरान गरजीं विदेश मंत्री नई दिल्लीः आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद करने के मामले में उनके इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस पर जोरदार पलटवार करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में कहा कि कांग्रेस ने बोफोर्स घोटाले के आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि और भोपाल गैस कांड के अभियुक्त एंड्रसन को देश से भगाने में मदद की थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साथ ही दावा किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी इस मामले में नहीं हुई। उन्होंने पुरजोर शब्दों में दावा किया कि उन्होंने या उनके परिवार ने इस मामले में एक पाई तक नहीं ली है। 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए सुषमा ने कहा कि राहुल दो दो महीनों के लिए छुट्टी पर जाते हैं। इस बार जब वह छुट्टी पर जाएं तो एकांत में किसी कोने में बैठकर अपने परिवार के इतिहास का अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को क्वात्रोच्चि से लेकर आदिल शहरयार तक के काले कारनामों को पढऩा चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी से अपनी ममा से यह सवाल करने को कहा कि क्वात्रोच्चि से कितना पैसा मिला था और डैडी (राजीव गांधी) ने क्यों 15 हजार लोगों के हत्यारे (भोपाल गैस कांड के अभियुक्त एंड्रसन) को छोड़ दिया था।
विदेश मंत्री ने दिवंगत कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह की आत्मकथा के हवाले से कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उनसे कहा था कि एंड्रसन को क्यों गिरफ्तार किया गया है। सुषमा ने कहा, अर्जुन सिंह ने उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री (मध्य प्रदेश) होने के नाते यह जनता के प्रति उनका कर्तव्य है।बाद में सिंह के एक सहायक ने उन्हें बताया कि गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी का फोन आया है कि एंड्रसन को जमानत दी जाए। उसे एक सरकारी विमान से दिल्ली भेजा गया और उसके बाद अमेरिका जाने की अनुमति दी गई। यह गुप्त रूप से किया गया, मैंने कुछ गुप्त तरीके से नहीं किया।
सुषमा ने दावा किया कि बाद में यह तथ्य सामने आया कि राजीव गांधी के दोस्त आदिल शहरयार को अमेरिका में 35 साल की सजा सुनाई गई थी और उसे एंड्रसन के बदले में अमेरिका ने रिहा कर दिया। सुषमा ने कहा कि आदिल को राष्ट्रपति द्वारा माफी दिए जाने पर छोड़ा गया जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 11 जून 1985 को जारी किया था जिस दिन राजीव गांधी अमेरिका पहुंचे थे। विदेश मंत्री ने कहा कि शहरयार गांधी परिवार के करीबी मित्र और राजनयिक मोहम्मद युनूस के बेटे थे।
सुषमा ने ललित मोदी मामले पर कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बोफोर्स तोप सौदे में आरोपी इतालवी व्यावसायी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि और भोपाल गैस कांड के आरोपी वारेन एंड्रसन का मुद्दा उठाते हुए मुख्य विपक्षी दल को शर्मिंदा करते हुए तंज पर तंज कसे और कहा कि गड़बड़ी की राजनीति तो कांग्रेस ने की थी। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को एक एक कर काटते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया। उन्होंने दावा किया कि चिदम्बरम कांग्रेस में उस वर्ग में शामिल थे जो अपनी निजी दुश्मनी के कारण ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे जिससे कि पार्टी नेतृत्व सहमत नहीं था।
विदेश मंत्री ने ब्रिटेन से ललित मोदी का प्रत्यर्पण नहीं कराने के लिए संप्रग सरकार को आरोपित किया और साथ ही कहा कि तब प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई करने में विफल रहा। उन्होंने यह भी दावा किया कि ब्रिटेन में ललित मोदी को रिहायश का अधिकार दिलाने के लिए भी कांग्रेस शासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि चिदम्बरम ललित मोदी को भारत भेजे जाने के लिए अपने ब्र्रिटिश समकक्ष के संपर्क में तो रहे लेकिन उन्होंने कभी ब्रिटिश सरकार से उसके प्रत्यर्पण पर दबाव नहीं बनाया।
'हितों के टकराव’ के मुद्दे पर चिदम्बरम पर हमला बोलते हुए सुषमा ने कहा कि ललित मोदी मामले में ऐसा कोई मुद्दा शामिल नहीं था जबकि पूर्व वित्त मंत्री ने उस समय यह बात स्वीकार की थी जब उनकी पत्नी और अधिवक्ता नलिनी को आयकर विभाग की विशेष वकील बनाया गया था। सुषमा ने कहा, विभाग उनके मंत्रालय के अधीन था। उन्होंने कहा था कि उन्हें एक अन्नाद्रमुक सदस्य द्वारा राज्यसभा में इस संबंध में सभापित को नोटिस दिए जाने तक इसके बारे में पता नहीं था। उन्होंने कहा, चिदम्बरम ने खुद ही अपने पर लगे आरोपों से खुद को बरी कर लिया। चिदम्बरम पर अपने हमलों की धार को और तेज करते हुए सुषमा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उस समय यह मुद्दा सामने लेकर आयी थी कि सारदा चिटफंड घोटाले के आरेपी सुदीप्तो सेन से उनकी पत्नी ने एक करोड़ रूपये लिए हैं। उन्होंने कहा कि घोटाले संबंधी फाइल चिदम्बरम देख रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा कि वह अपने राजनीतिक जीवन को एक तपस्या की तरह मानती हैं और जीवन के इस मोड़ पर वह अपनी तपस्या को भंग करने के लिए कुछ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, जिस संयम से मैंने अपना राजनीतिक जीवन जीया है , मेरे दामन पर तिलभर भी दाग नहीं लगा। आप जीवन के इस पड़ाव पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं।







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