Wednesday 19 August 2015

मुजफ्फरनगर की आवाजः नहीं रहे सबके प्यारे चचा चित्तो


 मुजफ्फरनगर/लखनऊ: मुजफ्फरनगर के विधायक व प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री चितरंजन स्वरूप (69) का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। शाम को उनका शव उनके घर मुजफ्फरनगर पहुंचा और वीरवार को सुबह 10 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से ही निकलेगी। वे काफी समय से बीमार थे।
स्वरूप का लीवर खराब होने के कारण उनका उपचार काफी समय से चेन्नई में किया जा रहा था। स्वास्थ्य में मामूली सुधार के बावजूद उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उनके स्वास्थ्य में आशानुरूप सुधार न देख परिजनों ने उन्हें चेन्नई अस्पताल से गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट कराया था। एक विशेष एयर एंबुलेंस से उन्हें चेन्नई से गुडग़ांव लाया गया था। राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप गत दिनों से बीमार चल रहे थे। लीवर इंफेक्शन के चलते गंभीर अवस्था में उन्हें चेन्नई के ग्लोबल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां वरिष्ठ सर्जन डा. मौ. रेला ने परिजनों को सलाह दी थी कि राज्यमंत्री का लीवर प्रत्यारोपण किया जाना आवश्यक है। परिजनों की सहमति के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से लीवर प्रत्यारोपण की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई थीं, लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद हालत में सुधार न होने के कारण प्रत्यारोपण नहीं किया जा सका। करीब 10 दिन तक उपचार के बावजूद राज्यमंत्री बातचीत करने की भी स्थिति में नहीं आ सके। परिजनों ने उन्हें आगे उपचार के लिए गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल लाने का निर्णय लिया। एयर एंबुलेंस से राज्यमंत्री को चेन्नई से गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया, जहां आज सुबह उनका निधन हो गया। राज्यमंत्री के रूप में चितरंजन स्वरूप को वे सभी विभाग सौंपे गए थे जो कैबिनेट मंत्री के तौर पर आजम खां के पास थे। 2002 विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बनी सपा सरकार में पहले वाणिज्य कर राज्यमंत्री व बाद में आवास विकास परिषद अध्यक्ष का पद पाने वाले चितरंजन स्वरूप तीसरी बार शहर से विधायक बने थे।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व राज्यपाल राम नाईक ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने स्व. स्वरूप को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा समाज के निर्धन एवं कमजोर वर्गों के हितों के लिए संघर्ष किया। स्व. चितरंजन स्वरूप ने संगठन व सरकार में सौंपे गए सभी दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि स्व. स्वरूप के अधूरे कार्यों और सपनों को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
चितरंजन स्वरूप तीन बार मुजफ्फरनगर से विधायक निर्वाचित हुए और वहां सामाजिक एवं राजनीतिक तौर पर जनहित के कार्यो में जीवन पर्यन्त लगे रहे। उन्होने कई शिक्षा संस्थाओं का संचालन भी किया इनके पुत्र गौरव स्वरूप समाजवादी पार्टी मुजफ्फरनगर में कई वर्षो से सक्रिय है। कभी सत्तर के दशक में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर एमएलए बने चितरंजन स्वरूप समाजवादी विचारों से प्रभावित रहे। चितरंजन स्वरूप ने मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज की स्थापना भी कराई।
उपचुनाव तय, बेटे को हो सकता है टिकट
चितरंजन स्वरूप के निधन के साथ ही मुजफ्फरनगर में उपचुनाव होना तय है। वैसे यूपी में विस चुनाव 2017 में होने हैं लेकिन किसी भी सीट को छह महीने से ज्यादा खाली नहीं रखा जा सकता है। माना जा रहा है कि सपा से चित्तो के बेटे गौरव स्वरूप ही प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। 2012 में उनके छोटे बेटे सौरभ का टिकट हुआ था लेकिन बाद में चित्तो ही लड़े थे। गौरव के पास लोकसभा का टिकट रहा लेकिन बाद में वे मैदान से हट गए थे। संभव है कि उनके बेटों में से ही किसी को मैदान में उतारा जाए। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा में भी टिकट मांगने वालों ने दौड़भाग शुरू कर दी है।




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