Sunday 30 August 2015

शीना मर्डर केसः फिर उन्हीं जंगलों में ले गई पुलिस इंद्राणी, संजीव व श्याम राय को

मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड में सबूत जुटाने के लिए अपराध की कडिय़ां जोडऩे के इरादे से मुंबई पुलिस इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना और उसके चालक श्याम राय को आज रायगढ़ के जंगलों में ले गई। पुलिस ने कहा कि आरोपी संजीव खन्ना को खार पुलिस थाने लाया गया और बाद में उन्हें चालक के साथ पेन तहसील में जंगल में ले जाया गया। कल यहां लगातार पूछताछ के दौरान, इंद्राणी और संजीव ने अपराध के लिए एक दूसरे पर दोष मढ़ा था। इंद्राणी के बेटे और शीना के भाई मिखाइल बोरा से कल बांद्रा के एक होटल में पूछताछ की गई थी। पुलिस मिखाइल के इस दावे की भी जांच कर रही है कि इंद्राणी और संजीव की 24 अप्रैल, 2012 को शीना से मुलाकात करने और उसे अपने साथ ले जाने से कुछ घंटे पहले इंद्राणी ने मिखाइल को भी कथित तौर पर नशीला पदार्थ दिया था। मिखाइल का कहना है कि जब तक वह लोग वापस आते, वह वहां से भाग निकला। शीना की इसी दिन कथित हत्या की गई थी।

एक दूसरे पर आरोप लगा रहे खन्ना और इंद्राणी

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंद्राणी, उनके चालक श्याम राय और खन्ना से कल खार पुलिस थाने में पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्होंने एक दूसरे पर आरोप मढ़ा। पुलिस ने कहा कि खन्ना और इंद्राणी ने पूछताछ के दौरान स्पष्ट जवाब नहीं दिये। कत्ल में इंद्राणी का साथ देने वाले संजीव खन्ना (दूसरा पति) ने पूछताछ के दौरान इंद्राणी की कई बातों से नाइत्तफाकी जताई जबकि इंद्राणी का कहना है कि वह खुद को बचाने के लिए ऐसा कह रहा है नहीं तो वह उसके साथ था। बता दें, संजीव की बेटी विधि को ही इंद्राणी व पीटर मुखर्जी ने अपनी बेटी बनाया था। जबकि शीना व मिखाइल को रास्ते से हटाकर वह विधि को अपनी वारिस बनाना चाहती थी और इसलिए संजीव उसका साथ दे रहा था।  इंद्राणी और मिखाइल बोरा के बालों और खून के नमूनों को भी एकत्र कर फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है। समझा जाता है कि इसकी रिपोर्ट तीन या चार दिन में आ जाएगी। पुलिस इससे ये जानने की कोशिश कर रही है कि मिखाइल सचमुच इंद्राणी का ही बेटा है या नहीं? 

कंकाल बन चुका था शीना का शव

रायगढ़ जिले के एक ग्रामीण अधिकारी ने आज कहा कि उसने जब 2012 में शीना बोरा का शव देखा था, उस समय वह केवल कंकाल था और उसमें कोई मांस नहीं था। इसी अधिकारी ने मुम्बई पुलिस दल को उस स्थान को खोजने में मदद की थी जहां कथित तौर पर शीना बोरा को कथित तौर पर दफनाया गया था। हेतेवने गांव के 'पुलिस पाटिल’ गणेश धेने ने कहा कि वह पूरा कंकाल था। कोई मांस नहीं था। स्थानीय सरकारी चिकित्सक उसे पोस्टमार्टम के लिए ले गए जिसके बाद उसे दफना दिया गया। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कंकाल अवशेष को कैसे देखा, धेने ने कहा कि मैं आम एकत्रित करने के लिए गया था। अवशेष किसी सूटकेस में नहीं था। आसपास का इलाका जला हुआ था। यह पूछे जाने पर कि क्या क्षेत्र इसलिए जला था क्योंकि शव पर पेट्रोल छिड़का गया था, धेने ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह पेट्रोल से जलाया गया था या किसी और चीज से। पुुलिस, फोरेंसिक विशेषज्ञों और ग्रामीणों ने गत शुक्रवार को कंकाल के अवशेष को तब खोदकर निकाला जब धेने ने उस स्थान की पहचान की जहां शीना के अवशेष को तीन वर्ष पहले कथित तौर पर जंगल में डाला गया था। इससे पहले मुम्बई से पुलिस अधिकारियों और फोरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल रायगढ़ जिले के पेेन तहसील स्थित गागोडे बुदरूक गांव पहुंचा और खुदाई शुक्रवार की सुबह छह बजे शुरू हुई। करीब दोपहर में जमीन में जब खुदाई कुछ फुट नीचे पहुंची तो दल को कंकाल का एक हिस्सा बाहर निकला दिखा। बंबई ग्रामीण पुलिस कानून के तहत पुलिस पाटिल सीधे-सीधे पुलिस विभाग और तालुका मजिस्ट्रेट के अधीन होता है। गांव के क्षेत्र में अपराध होने पर वह इसकी तत्काल सूचना पुलिस थाने को देता है और अपराधी की पहचान करने में पुलिस अधिकारी की मदद करता है।

बचपन से ही शीना से नफरत करती थी इंद्राणी

शीना की बिंदास हरकतों ने दी उसकी मौत को दावत

मुंबई: जहां एक ओर शीना की हत्या की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझने की ओर बढ़ रही है वहीं मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के अतीत की कहानी और भी उलझती जा रही है। एक सिरे पकडऩे पर दूसरा सिरा कहीं और पहुंच जा रहा है। पर इतना तो तय हो गया है कि मृतका शीना बोरा अपनी मां की हेट लिस्ट में शामिल थी। शीना उसे और मिखाइल को अपना काला अतीत मानती थी जबकि संजीव खन्ना से पैदा हुई उसकी दूसरी बेटी विधि उसकी आंख का तारा थी। यही वजह है कि जब उसे लगा कि राहुल मुखर्जी और शीना (24) का रिश्ता उसके अरमानों व विधि के हक पर पानी फेर सकता है तो उसने उसे रास्ते से हटा दिया।
इंद्राणी ने शीना और मिखाइल को किन हालात में पैदा किया ये अभी सामने आना बाकी है लेकिन पुलिस की पूछताछ में ये तय हो गया है कि दोनों बहन-भाई इंद्राणी के उस अतीत का हिस्सा थे जो उसे बार-बार उसकी सपनों की दुनिया से बाहर खींच ले जाता था। मिखाइल को उसने मानसिक रूप से विक्षिप्त साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वह उससे बात भी बहुत कम करती थी। उसे मजबूरी में वह पैसा भी इसलिए दे रही थी क्योंकि वह उसके बूढ़े मां-बाप का ख्याल रख रहा था। इसी वजह से मिखाइल नशे का भी आदि हो गया था। काम उसके पास था नहीं और बैठे-बैठे ही पैसा मिलता रहता था। इसी वजह से इंद्राणी उससे ज्यादा बात भी नहीं करती थी। 
शीना से इंद्राणी को ज्यादा मोह नहीं था लेकिन वह एक तेज तर्रार लड़की थी और इंद्राणी को लगता था कि अगर उसने उसकी मर्जी के खिलाफ कुछ भी किया तो वह उसका सारा खेल बिगाड़ देगी। ये यकीन दिलाने के लिए कि वह उसकी मां है और उससे प्यार करती है उसने शीना को मुंबई बुला लिया था। उसकी पढ़ाई का भी ख्याल रखा और तुरंत ही उसकी नौकरी भी लगवा दी। इंद्राणी ने ख्वाब में सोचा भी नहीं था कि शीना को मुंबई बुलाना उसके लिए इतना घातक साबित होगा।
शीना मुंबई आ गई तो उसे मजबूरी में पीटर मुखर्जी व उनके परिवार से भी परिचित कराना इंद्राणी की मजबूरी बन गया। उसने शीना को पूरी तरह से तैयार कर लिया था कि वह खुद को उसकी छोटी बहन बताएगी। शीना ने ऐसा ही किया भी। गड़बड़ वहां से शुरू हुई जब शीना मुखर्जी परिवार के करीब आने लगी और पीटर के बेटे राहुल मुखर्जी को दिल दे बैठी। हैंडसम राहुल को देखते ही शीना फिदा हो गई। वह भूल गई कि उसका व इंद्राणी का क्या रिश्ता है और सामाजिक लिहाज से उसका व राहुल का रिश्ता स्वीकार्य नहीं होगा। इस सबसे बेखबर शीना प्यार के अंधे रास्ते पर दौड़ती चली गई और उस हद तक पहुंच गई जहां से लौट पाना संभव नहीं था। शीना जब देहरादून राहुल के परिजनों से मिलने के लिए गई तो अपने साथ अपने जरूरी कागजात व पासपोर्ट आदि भी ले गई थी। शायद दोनों का इरादा शादी करके देश से बाहर कहीं जाने का था। ये बात ऐसे साबित हुई कि पुलिस को शीना का पासपोर्ट दून से ही मिला। पुलिस को आशंका है कि शीना गर्भवती हो गई और जब उसने ये बात इंद्राणी को बताई तो उसके सामने शीना को मिटा देने के अलावा कोई चारा नहीं था। जब शीना ने पीटर के सामने अपने रिश्ते का सच जाहिर किया और पीटर ने इसकी पुष्टि करने के लिए इंद्राणी से जिक्र किया तो इंद्राणी के सामने उसे खत्म करने के अलावा कोई और चारा शेष नहीं बचा था।

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