Friday 10 July 2015

भारत और पाक रूकी हुई वार्ता प्रक्रिया बहाल करने को तैयार, मोदी अगले साल पाकिस्तान जाएंगे

उफा (रूस): भारत और पाकिस्तान ने गतिरोध तोड़ते हुए आज तय किया कि रूकी हुई वार्ता प्रक्रिया को बहाल किया जाएगा और मुंबई हमले से जुड़े मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौर तरीके खोजे जाएंगे । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ ने वार्ता बहाली का महत्वपूर्ण फैसला किया । मोदी अगले वर्ष पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने पर भी राजी हो गये ।
मोदी और शरीफ ने लगभग एक साल में पहली द्विपक्षीय वार्ता की है । शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच उफा कांग्रेस हाल में करीब घंटे भर बैठक हुई । दोनों ने तय किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार :एनएसए: अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज अगले महीने या फिर सितंबर में नयी दिल्ली में मुलाकात कर आतंकवाद से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे । सूत्रों ने कहा कि यह फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि अजीज पाकिस्तान के सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन पर पाकिस्तान की सेना भरोसा करती है । इस कार्य के लिए वह सही व्यक्ति हैं ।
मोदी और शरीफ की बातचीत मुख्य रूप से आतंकवाद पर केन्द्रित रही । भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के लिहाज से आतंकवाद को भारत हमेशा से महत्वपूर्ण मुद्दा मानता आया है । मोदी और शरीफ पिछले साल मई में नयी दिल्ली में मिले थे, जब मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शरीफ शामिल होने आये थे । पिछले ही साल नवंबर में काठमांडो में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान भी दोनों नेता आमने सामने हुए लेकिन केवल दुआ सलाम हुई ।
दोनों देशों के विदेश सचिवों की पिछले साल अगस्त में इस्लामाबाद में बैठक होने वाली थी, लेकिन भारत ने वार्ता रद्द कर दी । विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करने के विरोधस्वरूप भारत ने ये वार्ता रद्द की थी ।
मोदी और शरीफ की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया । पांच सूत्री रोडमैप दर्शाते एक पृष्ठ के इस बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष मुंबई हमले से जुडे (पाकिस्तान में चल रहे) मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा को सहमत हो गये । इसमें आवाज के नमूने मुहैया कराने जैसी अतिरिक्त सूचनाएं शामिल हैं ।
मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तान की अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही लगभग नहीं के बराबर चलने से भारत काफी नाराज था । हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तय्यबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी को अदालत द्वारा रिहा करने का भी भारत ने कड़ा विरोध किया । पाकिस्तानी सरकार की ओर से अपेक्षित सबूत नहीं पेश नहीं करने के कारण लखवी अदालत से रिहा हो गया ।
संयुक्त बयान में कई फैसलों की जानकारी भी है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और उनके पाकिस्तानी रेंजर्स के समकक्ष के बीच जल्द बैठक तथा उसके बाद सैन्य आपरेशन महानिदेशकों की बैठक का फैसला शामिल है ।दिलचस्प बात यह है कि संयुक्त बयान और विदेश सचिव एस जयशंकर और ऐजाज अहमद चौधरी (पाकिस्तानी विदेश सचिव) के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कश्मीर का कहीं कोई जिक्र नहीं है । मोदी ने दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए 2016 में पाकिस्तान आने का शरीफ का न्यौता स्वीकार कर लिया । पिछले 12 साल में मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो पाकिस्तान यात्रा पर जाएंगे । इससे पहले जनवरी 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान यात्रा पर गये थे । बयान में कहा गया कि मोदी और शरीफ इस बात पर भी सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करना और विकास को प्रोत्साहित करना भारत और पाकिस्तान की संयुक्त जिम्मेदारी है । ऐसा करने के लिए वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं ।
बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आतंकवाद की उसके सभी स्वरूपों में निन्दा की और इस बात पर सहमत हुए दक्षिण एशिया से इस खतरे को समाप्त करने के लिए वे एक दूसरे का सहयोग करेंगे । अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने पर सहमत दोनों पक्ष इस बात पर भी राजी हुए कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तानी रेंजर्स के महानिदेशकों के बीच जल्द बैठक होनी चाहिए और उसके बाद दोनों देशों के सैन्य परिचालन महानिदेशकों के बीच बैठक होनी चाहिए । इस पर टिप्पणी करते हुए दाभोल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इससे सीमा पर शांति कायम करने में मदद मिलेगी ।
जयशंकर और चौधरी ने बारी बारी से बयान पढ़ा और स्पष्ट कर दिया कि इस बारे में कोई सवाल नहीं होगा । इसके बाद दोनों संवाददाता सम्मेलन से चले गये । दोनों पक्षों ने एक बडे मानवीय मुद्दे का समाधान करते हुए एक दूसरे की हिरासत में लिये गये मछुआरों को 15 दिन के भीतर रिहा करने पर भी सहमति व्यक्त की । मछुआरों के साथ उनकी नौकाएं भी छोड़ दी जाएंगी ।
दोनों पक्षों ने जिस ताजा सूची का आदान प्रदान किया, उसके मुताबिक 355 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में और 27 पाकिस्तानी मछुआरे भारतीय जेलों में बंद हैं । दोनों पक्षों ने ये भी तय किया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा ।
भारतीय पक्ष ने यह कहते हुए शरीफ की सराहना की कि उन्होंने एक राजनेता की तरह रूख अपनाया, जो द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से अच्छा है । जब पूछा गया कि आज के घटनाक्रम से खुश हैं, तो शरीफ का जवाब था, हां । इस बीच पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में कहा कि मोदी और शरीफ के बीच बैठक सकारात्मक घटनाक्रम है । उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते सुधरने में दिलचस्पी रखता है क्योंकि इससे ना सिर्फ दोनों देशों बल्कि समूचे क्षेत्र की जनता को लाभ होगा । गहरे सलेटी बंदगले का कोट पहने मोदी की शरीफ ने अगवानी की और दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बातचीत शुरू करने से पहले फोटो खिंचावाये । बयान में कहा गया कि बैठक सद्भावपूर्ण माहौल में हुई । दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया।

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