Tuesday 21 July 2015

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा 'खुला पत्र’


नई दिल्ली: केजरीवाल ने मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए विज्ञापन का सहारा लिया है। प्रमुख दैनिकों में आज विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित किए गए एक खुले पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली की बिगड़ती विधि व्यवस्था की हालत को सुधारने या फिर पुलिस का नियंत्रण दिल्ली सरकार के हाथ में देने की अपील की। केजरीवाल के पत्र को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
इससे पहले केजरीवाल ने कल सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप डाली थी जिसमें लोगों से महिलाओं पर होने वाली हिंसा के दौरान 'मूक दर्शक’ ना बने रहने और इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कार्रवाई करने की अपील की गयी थी। आप सरकार ने एक ऑडियो क्लिप के साथ रेडियो चैनल पर भी विज्ञापन जारी किए।
खत पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साधने के लिए केजरीवाल की आलोचना की और उन्हें अपनी सीमा में रहने के लिए कहा। अपने खुले पत्र में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शहर में विधि व्यवस्था की हालत के लिए हर हफ्ते कम से एक घंटे का समय निकालने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरा एक छोटा, विनम्र अनुरोध है। या तो आप दिल्ली की विधि व्यवस्था की हालत के लिए हर हफ्ते कम से कम एक घंटे का समय निकालिए, दिल्ली पुलिस के लिए जवाबदेही तय कीजिए और दिल्ली के लोगों के साथ बातचीत कीजिए या फिर हमें दिल्ली पुलिस का नियंत्रण सौंप दीजिए। लोगों की मदद से हम दिल्ली पुलिस का कामकाज सुधार देंगे। पत्र में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार का दिल्ली पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं है और वह कानूनन प्रधानमंत्री के अधीन आती है। और आप इसे समय नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि आप देश के प्रधानमंत्री हैं और आपको पूरे देश पर ध्यान देना होता है। आनंद पर्वत इलाके में हुई 19 साल की एक लड़की की हत्या की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने वहां के लोगों के डरे होने की बात कहते हुए मोदी से पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात करने का भी अनुरोध किया।
दिल्ली पुलिस और आप सरकार के बीच गतिरोध आज और बढ़ गया जब लड़की की हत्या की पृष्ठभूमि में दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारी बी एस बस्सी और केजरीवाल के बीच हुई बैठक के बाद दोनों पक्षों ने अपना अपना रूख कड़ा कर लिया। दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कल केजरीवाल से मुलाकात की थी लेकिन बैठक से आप सरकार और पुलिस के बीच खाई और चौड़ी हो गयी और बस्सी ने मुख्यमंत्री के अधिकतर सुझावों पर ध्यान नहीं दिया।

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