Sunday 12 July 2015

क्रिकेटः नए लड़कों की टीम ने सीरीज जीती, अभी एक मैच बाकी

हरारेः मुरली विजय और अंजिक्य रहाणे से बल्लेबाजी और बाद में भुवनेश्वर कुमार से गेंदबाजी में मिली अच्छी शुरूआत के दम पर भारत ने दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को जिम्बाब्वे को 62 रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल की। सब जानते हैं कि इस टीम में भारत की ओर से सभी वे लड़के खेल रहे हैं जिन्हें काफी समय से टीम में जगह नहीं मिली है। धोनी, कोहली, धवन, रोहित जैसे रेगुलर प्लेयरों वाली टीम हाल ही में बांग्लादेश से हारी थी ऐसे में ये जीत बहुत अहम है। 



जिम्बाब्वे के कप्तान एल्टन चिगुंबुरा ने टास जीतकर फिर से भारत को पहले बल्लेबाजी के लिये भेजा जिसे मुरली विजय ( 95 गेंदों पर 72 रन) और कप्तान अंजिक्य रहाणे (83 गेंदों पर 63 रन)  ने पहले विकेट के लिये 26 ओवरों में 112 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलायी। अच्छी फार्म में चल रहे अंबाती रायुडु ने 50 गेंदों पर 41 रन बनाये। भारत ने आठ विकेट पर 271 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।

इसके बाद भुवनेश्वर कुमार ( 33 रन देकर चार विकेट) की अगुवाई में गेंदबाजों ने भारत को शुरू में विकेट दिलाये जिससे जिम्बाब्वे का स्कोर तीन विकेट पर 43 रन हो गया। सलामी बल्लेबाज चामू चिभाभा (72) की पारी के बावजूद जिम्बाब्वे इससे नहीं उबर पाया और आखिर में उसकी टीम 49 ओवर में 209 रन पर आउट हो गयी। भारत ने पहले मैच में चार रन की रोमांचक जीत दर्ज की थी।

रहाणे और विजय से मिली अच्छी शुरूआत भारत के लिये आखिर में महत्वपूर्ण साबित हुई। रहाणे ने अपनी पारी में सात चौके जबकि विजय ने एक चौका और दो छक्के लगाये। मनोज तिवारी (22) और रोबिन उथप्पा (13) फिर से मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को प्रभावित करने में नाकाम रहे। स्टुअर्ट बिन्नी ने आखिरी क्षणों में 16 गेंदों पर 25 रन की तेजतर्रार पारी खेली। जिम्बाब्वे की तरफ से चोटिल टिनसे पेनयांगरा की जगह टीम में लिये गये नेविले मादजिवा ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 47 रन देकर चार विकेट लिये।

जिम्बाब्वे जब लक्ष्य का पीछा करने के लिये उतरा तो चिभाभा ने एक छोर संभाले रखा लेकिन दूसरे छोर से भुवनेश्वर ने कसी हुई लाइन व लेंथ से बाकी बल्लेबाजों को खासा परेशान रखा। भारत को विकेट दिलाने की शुरूआत हालांकि धवल कुलकर्णी ने की जिन पर चिभाभा ने चौथे ओवर में लगातार तीन चौके लगाये थे। उन्होंने अपने अगले ओवर में बुसी सिबांडा (दो) को प्वाइंट पर विजय के हाथों कैच कराया। भुवनेश्वर ने नये बल्लेबाज हैमिल्टन मास्कादजा (पांच) को विकेट के पीछे कैच कराकर अपने 49वें मैच में 50वां विकेट हासिल किया। पहले मैच के शतकवीर एल्टन चिगुंबुरा (नौ) ने भुवनेश्वर पर हावी होने की कोशिश की लेकिन रहाणे ने हवा में लहराकर उनका कैच लपक दिया। इस कैच का फैसला तीसरे अंपायर ने दिया।

सीन विलियम्स (20) को दो जीवनदान मिले लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और अक्षर पटेल ने उन्हें सही लाइन में नहीं खेलने का मजा चखाया। चिभाभा ने इस बीच अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन जब वह 65 रन पर थे तब रोबिन उथप्पा ने उन्हें स्टंप आउट करने का आसान मौका गंवाया। उन्हें इसका फायदा नहीं मिला और वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट होकर पवेलियन लौटे। चिभाभा ने 100 गेंद खेली तथा नौ चौके लगाये।

हरभजन के इसी ओवर में उथप्पा ने सिकंदर रजा (18) का डाइव लगाकर खूबसूरत कैच लपका जिससे जिम्बाब्वे की हार सुनिश्चित हो गयी। विकेटकीपर बल्लेबाज रिचमंड मुतुबामी (32) और ग्रीम क्रेमर (27) ने सातवें विकेट के लिये 52 रन जोड़े लेकिन इससे हार का अंतर ही कम सका। इससे पहले रहाणे और विजय दोनों को शुरू में गेंदबाजों को पिच से मिल रही उछाल और स्विंग से सामंजस्य बिठाने के लिये जूझना पड़ा। भारतीय कप्तान ने ढीली गेंदों पर कुछ अच्छे शाट लगाये, लेकिन फिर भी भारत का रन रेट चार रन के आसपास ही चलता रहा। रहाणे ने 22वें ओवर में विलियम्स की गेंद को मिडविकेट पर चार रन के लिये भेजकर अपना दसवां अर्धशतक पूरा किया।

विजय के लिये रन बनाना आसान नहीं रहा। रहाणे ने जब 26वें ओवर में चिभाभा की गेंद पर कवर में आसान कैच थमाया तब विजय के नाम पर 43 रन दर्ज थे। उन्होंने इस बीच केवल एक बार दसवें ओवर में गेंद सीमा रेखा के पार भेजी थी। विजय ने आखिर में 82 गेंदों पर अपना पहला वनडे अर्धशतक पूरा किया। विजय ने इस तरह से अपने पदार्पण के पांच साल चार महीने के बाद पहला पचासा पूरा किया।

उन्होंने चिभाभा और विटोरी के लगातार ओवरों में छक्के जड़कर अपना स्ट्राइक रेट सुधारा लेकिन मादजिवा की गेंद पर लंबा शाट लगाना उन्हें महंगा पड़ा और सबस्टियूट मैलकम वालेर ने सीमा रेखा पर उन्हें कैच कर दिया। रायुडु ने विजय के साथ 47 रन जोड़ने के बाद तिवारी के साथ भी 44 रन की साझेदारी की।

पिछले मैच में नाबाद 124 रन की बेहतरीन पारी खेलने वाले रायुडु ने सिकंदर रजा की गेंद पर सीमा रेखा पर कैच दिया जबकि तिवारी तिरिपानो की गेंद को समक्षने में नाकाम रहे और फाइन लेग पर कैच दे बैठे। इन दोनों के चार गेंद पर आउट होने के बाद बिन्नी ने कुछ तेजी दिखायी। केदार जाधव ने भी आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 16 रन बनाये। 
 

No comments:

Post a Comment