Sunday 19 July 2015

अमिताभ ठाकुर को खेमका और चतुर्वेदी ने किया फोन, कहा- हम तुम्हारे साथ हैं

सपा सरकार से दुखी आईपीएस अधिकारी को मिला साथ

लखनऊ: राजनीतिक दबाव से आजिज आ चुके अधिकारी अब धीरे-धीरे लामबंद हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने सत्य की लडाई में उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के लिए चर्चित अधिकारियों अशोक खेमका तथा संजीव चतुर्वेदी का नैतिक समर्थन मिलने का दावा किया है। पति-पत्नी ने उनके खिलाफ गाजियाबाद की महिला की तरफ से बलात्कार के आरोप में दाखिल प्राथमिकी को एक बडी साजिश का हिस्सा करार दिया है। ठाकुर दंपति का कहना है कि दोनों अधिकारियों ने उन्हें फोन करके अपना समर्थन दिया। 
महानिरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी अमिताभ और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी नूतन ने रविवार को कहा कि जिस महिला ने हमारे खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया है, उसे उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति एक कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और यह सब एक बडी साजिश का हिस्सा है। नूतन ठाकुर अपने पति अमिताभ के साथ उन दोनों के खिलाफ गाजियाबाद की महिला द्वारा दायर प्राथमिकी के सिलसिले में गोमती नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्यसेन यादव के कार्यालय गयी और 11 पन्ने का एक प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने अपने पत्र में दावा किया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह से मनगढंंत है और एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सदस्य अशोक पांडेय और कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा रची गयी है। गाजियाबाद की महिला को कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर ने आज यहां कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रख्यात दो वरिष्ठ अधिकारियों हरियाणा में तैनात आईएएस अधिकारी अशोक खेमका और एम्स में तैनात संजीव चतुर्वेदी (आईएफएस) ने अमिताभ से फोन पर वार्ता की और कहा कि वह सत्य की इस लड़ाई में हृदय से पूरी तरह उनके साथ है। बकौल नूतन ठाकुर, अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि दोनों अधिकारियों की हौसला अफजाई पर उन्हें न्याय की लड़ाई लडऩे के लिए जोरदार मानसिक संबल प्राप्त हुआ है।
गौरतलब है कि अमिताभ ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पर टेलीफोन पर धमकाने का आरोप लगाते हुए 10 जुलाई को मीडिया को एक टेप जारी किया था। साथ ही गत 11 जुलाई को उन्होंने यादव के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमे के लिये तहरीर भी दी थी और उसी दिन रात गाजियाबाद की एक महिला की तहरीर पर ठाकुर के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया गया था। वे उनके खिलाफ लगे बलात्कार के आरोप की सीबीआई जांच की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंच गये थे, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 13 जुलाई को उन्हें अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता आदि आरोपों में निलंबित कर दिया था।
ठाकुर ने अपनी सामाजिक गतिविधियों को संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अनुरूप बताते हुए कहा कि निलंबन से पहले उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की गयी। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में अदालत का भी दरवाजा खटखटायेंगे।

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