Thursday 16 July 2015

बिहार चुनावः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुरू किया पार्टी का प्रचार अभियान

कहा, जनता की भावनाओं के विपरीत बनाया है लालू-नीतीश ने गठबंधन

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राजग के प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नवगठित जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन पर प्रहार करते हुए 'जंगल राज’ के लौटने की चेतावनी दी। शाह में सत्तारूढ़ गठबंधन के पोस्टरों और होर्डिंग में असंगति पर भी प्रहार किया जिनसे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तस्वीरें गायब हैं। साथ ही राजद-जदयू गठबंधन से ओबीसी वोट बैंक को दूर करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछड़ी जाति का भी हवाला दिया। शाह ने भाजपा सहयोगियों की उपस्थिति में राजग की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि क्या नीतीश कुमार लालू प्रसाद से हाथ मिलाकर बिहार में जंगल राज की वापसी लाना चाहते हैं जिनका 15 वर्षों का शासन खराब कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 2010 के विधानसभा चुनावों में लोगों द्वारा राजग गठबंधन को दिए गए जनादेश के खिलाफ जाकर 'पीठ में छुरा भोंकनेÓ के आरोप लगाते हुए भाजपा प्रमुख ने कहा कि जद यू नेता ने सत्ता की खातिर लालू से हाथ मिलाया है। लोजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के अलावा भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार भी मंच पर मौजूद थे।



धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में तनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जहां यह सुनिश्चित किया कि राज्य की उपलब्धियों वाले पोस्टरों से लालू की तस्वीरें गायब रहें वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे 'किनारा’ कर लिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वह (लालू) अब भी खुद को गठबंधन का नेता मानते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता जातीय और सांप्रदायिक तनावों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे लेकिन बिहार की बीमारी का इलाज 'विकास’ में है जिसके लिए राज्य में राजग सरकार की जरूरत है। उन्होंने संकेत दिए कि भाजपा और इसके सहयोगी लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी द्वारा तय किए गए विकास एजेंडे की उम्मीद करते हैं ताकि बिहार चुनावों में भी ज्यादा से ज्यादा चुनावी फायदा हासिल किया जा सके। शाह ने पिछले एक वर्ष के दौरान मोदी सरकार के कामकाज का जिक्र किया और कहा कि भविष्य की राजग सरकार द्वारा बिहार में भी यह दिखेगा। बिहार की 'मंडल वाली’ राजनीति के मद्देनजर शाह ने मोदी के 'चायवाला’ दिनों का जिक्र किया और उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। 


 उन्होंने कहा कि चाय वेंडर के रूप में उन्होंने बचपन में खुद ही चाय बेची और अति पिछड़ी जाति से आने के कारण मोदी गरीबी का दर्द जानते हैं और इसलिए वह हर वह काम कर रहे हैं जो गरीबों के लिए किया जा सकता है। शाह ने मोदी के नारे 'कांग्रेस मुक्त भारत’ को दोहराया और दावा किया कि हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के बाद बिहार में भी कांग्रेस पार्टी का सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर की रैली में बिहार के विकास के रोडमैप का खाका पेश करेंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसके परिणाम केवल राज्य तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि पूरे देश में फैलेंगे क्योंकि 'दलितों, गरीबों और वंचितों की विरोधी सभी ताकतों को उखाड़ फेंकने’ का संदेश फैलेगा। भाजपा प्रमुख ने 160 रथों को भी हरी झंडी दिखाई जिन्हें उन्होंने नरेन्द्र मोदी का 'दूत’ बताया।

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