Friday 31 July 2015

टाइगर मेमन से पाक अधिकृत कश्मीर में मिला था कांग्रेस विधायक

आतंकवादी का जीवन छोड़कर कांग्रेस के कश्मीर से विधायक बने मजीद का दावा
श्रीनगर: उग्रवादी से नेता बने कांग्रेस विधायक उस्मान मजीद ने आज यह दावा कर विवाद छेड़ दिया कि 1993 के मुंबई विस्फोटों के बाद उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में टाईगर मेमन से मुलाकात की थी। उस दौरान टाइगर अपने भाई याकूब के आत्मसमर्पण से इस आशंका को लेकर चिंतित था कि आईएसआई उसकी हत्या कर सकती है। याकूब को नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी के फंदे से लटकाए जाने के एक दिन बाद मजीद का दावा आया है।

उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा से विधायक ने दावा किया कि मैं टाईगर से 1993 में मिला था। मैं उससे दो तीन बार मिला था। वह मुजफ्फराबाद (पीओके की राजधानी) स्थित हमारे कार्यालय में आया करता था। मेरी टाईगर से दोस्ती नहीं थी। स्टूडेंट्स लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक एवं इखवान उल मुस्लीमीन आतंकी संगठन के प्रमुख हिलाल बेग ने उन्हें उससे मिलवाया था। मजीद ने बताया कि जब वे मिले थे उससे पहले ही टाईगर मुंबई में बम विस्फोट कर चुका था। मजीद ने कहा कि उस वक्त वह हमारे देश में मोस्ट वांटेड था। मैंने उससे पूछा कि उसने विस्फोटों को अंजाम क्यों दिया और विस्फोटों के पीछे क्या वजह थी। मजीद ने दावा किया कि उसने जवाब दिया कि मुख्य वजह बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना और इसके बाद हुए दंगे थे। उसने कहा कि महिलाओं सहित अन्य लोग उसके पास आए और उसे बताया कि उनकी हत्या की जा रही है और वह भावुक हो गया। इसी के चलते उसने विस्फोट किए थे।
मजीद ने कहा कि टाईगर ने उसे बताया था कि आईएसआई ने विस्फोटों की साजिश रचने और अंजाम देने में मदद की थी। उसनेे दावा किया था कि आईएसआई ने विस्फोटों को अंजाम देने में टाईगर की मदद की थी। टाईगर ने खुद इसे नहीं किया था। टाईगर के मुताबिक सब कुछ पाकिस्तान ने किया था। योजना और हथियार उन्होंने (पाकिस्तान ने) मुहैया कराये थे और साजिश को आईएसआई के निर्देशों पर टाईगर के गिरोह ने अंजाम दिया था।
विधायक ने यह दावा भी किया कि अपने भाई याकूब के आत्मसमर्पण करने के बाद टाईगर चिंतित था और उसे अंदेशा था कि आईएसआई उसकी हत्या कर सकती है। मजीद ने बताया कि टाईगर ने कहा कि याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया है लेकिन यहां हमारे लोगों ने बताया कि उसे गिरफ्तार किया गया है। लेकिन टाईगर आत्मसमर्पण को लेकर चिंतित था। उसने सोचा कि आईएसआई का उससे भरोसा उठ जाएगा। पाकिस्तान को यह भी चिंता थी कि वह भी आत्मसमर्पण कर सकता है। टाईगर ने कहा कि पाकिस्तान में पहले की तुलना में अब उसके लिए कम सम्मान है और इसलिए आईएसआई उसे शक की नजरों से देख रही है। विधायक ने बताया कि जब याकूब ने आत्मसमर्पण कर दिया, तब टाईगर ने पाकिस्तान छोड़ दिया क्योंकि उसे आशंका थी कि आईएसआई उसकी हत्या कर देगी। वह अपमानित महसूस कर रहा था और वह दुबई के लिए रवाना हो गया लेकिन वार्ताओं के बाद उन्होंने (आईएसआई ने) उसे वापस बुलाया क्योंकि वे उसे आत्मसमर्पण नहीं करने देना चाहते थे। मजीद ने दावा किया कि उन्हें डर था कि कहीं याकूब कुछ आधार न मुहैया कर दे और वह टाईगर के भी आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करेगा। उनके मुताबिक आईएसआई टाईगर को कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करने देगा।

त्रिपुरा के राज्यपाल ने कहा- याकूब के जनाजे में कई ‘संभावित आतंकी’ थे

अगरतला: त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय ने आज यह टिप्पणी करके विवाद उत्पन्न कर दिया कि मुम्बई विस्फोट मामले के दोषी याकूूब मेमन को फांसी दिये जाने के बाद उसके जनाजे में शामिल लोगों में से कई संभावित आतंकवादी हैं। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष 70 वर्षीय राय के ट्वीट की तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने आलोचना की और याद दिलाया कि वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सुब्रत मुखर्जी ने मांग की कि राज्यपाल को हटा दिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी राय की तीखी आलोचना की गई और कहा गया कि राय ने एक ट्वीट से संवैधानिक मूल्यों से विश्वासघात किया है। राय ने ट्वीट किया कि खुफिया एजेंसियों को मेमन के जनाजे में शामिल होने वाले सभी पर (रिश्तेदार और दोस्तों को छोड़कर) नजर रखनी चाहिए। कई संभावित आतंकवादी हैं। बाद में राय ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने मेमन के रिश्तेदारों और मित्रों को बाहर रखा था। उन्होंने कहा कि अन्य एक ऐसे व्यक्ति को देखने क्यों आये जिसे फांसी दी गई थी। उन्हें जरूर उसके प्रति सहानुभूति होगी। राज्यपाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सार्वजनिक हित के मुद्दों को लोगों के ध्यान में लाना मेरा संवैधानिक दायित्व है। इससे राज्यपाल के तौर पर मेरी हैसियत से कोई समझौता नही हुआ है।

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