Friday 31 July 2015

राहुल ने FTII में कहा- आरएसएस ‘औसत दर्जे’ को दे रहा है बढ़ावा

गजेंद्र चौहान के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों से मिले कांग्रेस उपाध्यक्ष
पुणे: गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ यहां भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) में आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों को समर्थन देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ औसत दर्जे को बढावा देकर इस संस्थान का दर्जा घटा रहा है। विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवालिये लहजे में कहा कि क्यों इस 'छोटे स्कूल’ ने सरकार के मन की शांति भंग कर रखी है और फिर उन्होंने यह कहते हुए आरएसएस की आलोचना की कि वह अपने विचार का प्रचार प्रसार करना चाहता है और वह प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को 'राष्ट्रविरोधी’ बतायेगा । उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ खुले संवाद के दौरान कहा, आरएसएस और उसके विचारक तंत्र में सुनियिोजित तरीके से ''औसत दर्जे’ के लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं, वे शैक्षणिक संस्थानों के दर्जे को गिराने पर आमादा हैं, यह बस शिक्षा व्यवस्था की बात नहीं है बल्कि नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली में भी ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा, क्यों बस करीब 250 विद्यार्थियों वाला यह छोटा संस्थान सरकार के मन की शांति भंग कर रहा है। यदि विद्यार्थी उन्हें (गजेंद्र चौहान को) नहीं चाहते हैं तो स्पष्टत: उन्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह आपपर धौंसपट्टी दिखाने का प्रयास है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने विद्यार्थियों को उनकी आवाज संसद में उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, आरएसएस अपने विचार का प्रचार प्रसार चाहता है। वे आपको राष्ट्रविरोधी, हिंदू विरोधी कहेंगे। वे आपसे डरे हुए हैं । यह धौंसपट्टी का स्वभाव है। जब राहुल गांधी इस प्रतिष्ठित संस्थान में गए तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाहर नारेबाजी की। एफटीआईआई के विद्यार्थी टीवी अभिनेता चौहान को इस संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के खिलाफ 50 दिनों से हड़ताल पर हैं। उन्होंने इस मंच का उपयोग यह कहते हुए कांग्रेस और भाजपा शासन के बीच तुलना करने के लिए किया कि कांग्रेस में जहां भी मुद्दा होता है, उस पर चर्चा होती है, कुछ सहमत होते हैं कुछ नहीं। लेकिन भाजपा में यदि प्रधानमंत्री ने कोई निर्णय ले लिया तब कोई कुछ नहीं कह सकता।
इसी महीने विद्यार्थियों के एक संगठन ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और सरकार से अनुपयुक्त लोगों की नियुक्ति खारिज करने तथा भावी नियुक्तियों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने की अपील करने का अनुरोध किया था। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया हे कि चौहान एवं चार अन्य नियुक्त सदस्यों में 'पात्रता का अभाव’ है और वे आरएसएस या भाजपा के साथ अपने संबंधों की वजह से ही चुने गए हैं।

राहुल गांधी ने कहा, आपको बिल्कुल ही सरकार से यह पूछने का हक है कि क्यों ‘औसत दर्जे’ के लोग आपके प्रशिक्षण के लिए रखे जा रहे हैं। मैं यहां हूं क्योंकि आपकी सुनी नहीं जा रही है। उन्होंने कहा, वैसे हम सरकार में नहीं हैं लेकिन यदि संस्थान का कोई निजीकरण हुआ तो मैं यहां आपके साथ बैठूंगा। राहुल गांधी ने एफटीआईआई विद्यार्थियों से इस मामूली संघर्ष से आगे देखने का आह्वान करते हुए कहा, इस भद्रपुरूष को बदलना कोई बड़ी बात नहीं है। यह मामूली लड़ाई है जो आप यहां लड़ रहे हैं। असली लड़ाई तो इसके बाहर (संस्थान से बाहर) देश के विचार के लिए लडऩा है। आपको उन चुनौतियों के लिए कमर कस लेना चाहिए। विद्यार्थियों ने अपनी चिंताएं राहुल गांधी के सामने रखीं और उनके द्वारा उठायी जा रही मांगों के समर्थन में दलीलें दीं। 
एक विद्यार्थी ने कहा, मैं यहां इस आंदोलन के तहत जो कुछ कर रहा हूं उसका मेरे माता-पिता समर्थन करते हैं लेकिन असुरक्षा और खतरा का भी बोध है। सरकार ने बातचीत की हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया, हमारी बातचीत क्यों नहीं हो सकती। एफटीआईआई छात्र संघ के प्रतिनिधि अजयन अदात ने कहा, भारतीय लोकतंत्र का ढांचा ऐसा है कि कुछ मुद्दों को संसद में उठाने की जरूरत है। हम उसे अपने आप नहीं उठा सकते। अतएव हमें पार्टी लाइन से उपर उठकर सभी से संपर्क करना है।  दस सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल तीन जुलाई को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली से मिला था लेकिन मंत्रालय ने एफटीआईआई सोसायटी के अध्यक्ष पद से नियुक्ति वापस लेने और सोसायटी को भंग करने की मांग ठुकरा दी। एफटीआईआई विद्यार्थी अब अपनी मांग के समर्थन में सोमवार को नयी दिल्ली में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के समर्थकों के साथ जंतर मंतर से संसद तक रैली निकालेंगे।

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