Tuesday 21 July 2015

ललित मोदी पर संसद में हंगामा, सरकार का सुषमा के इस्तीफे से इंकार

जेटली ने कहा, सदन नहीं चलने देने चाहता है विपक्ष

नई दिल्लीः मानसून सत्र के पहले दिन आज राज्यसभा की शुरूआत हंगामेदार रही और ललित मोदी मामले में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापम मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे पर अड़े रहने तथा सरकार के इससे इंकार करने पर दिन भर गतिरोध बना रहा। इसके चलते चार बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही बिना खास कामकाज के समय से पहले ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

विदेश मंत्री के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को सरकार ने खारिज करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष का कहना था कि पहले मंत्री इस्तीफा दें और उसके बाद ही चर्चा होगी। हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक बार बार बाधित हुई जिससे प्रश्नकाल और शून्यकाल भी नहीं हो सका। सुषमा के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कोई इस्तीफा नहीं होगा। हम देश के प्रति समर्पित भाव से काम करते रहेंगे। आप व्यवधान डालते रहिए। आप चर्चा करना चाहते हैं तो करिए, कोई इस्तीफा नहीं होगा।

कांग्रेस सदस्यों ने सुबह ही सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा कथित तौर पर ललित मोदी की मदद किए जाने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसने मर्यादा तोड़ी है। शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदारी, जवाबदेही, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीरता की बात की थी। शर्मा ने कहा कि पिछले साल नई सरकार बनने के ढाई महीने बाद अगस्त में विदेश मंत्री ने ब्रिटेन की सरकार से कहा कि ललित मोदी को, जो कि आईपीएल के पूर्व चेयरमैन और जिनके खिलाफ प्रवर्तन विभाग में मामला चल रहा है, को मानवता के आधार पर यात्रा दस्तावेज दे दिए जाएं। उन्होंने इस पर सवाल करते हुए दावा किया कि मानवता के आधार पर यात्रा दस्तावेज हासिल करने वाले ललित मोदी पूरी दुनिया में घूम रहे हैं और मौज मस्ती कर रहे हैं। 
 कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार इस पर तुरंत चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं और चर्चा तुरंत शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चर्चा का जवाब देंगी लेकिन कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर विदेश मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस के कुछ सदस्य पोस्टर लहराते भी दिखे। सपा और माकपा ने भी कांग्रेस की मांग का समर्थन किया और उनके इस्तीफे की मांग की।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विदेश मंत्री, राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने आरोपों की उ'चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक इन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि जिनके खिलाफ आरोप हैं पहले उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरकार के एक साल पूरा होने पर मथुरा में एक रैली में कहा था कि उनके किसी भी मंत्री के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि इस्तीफा होने के बाद ही सदन सुचारू रूप से चल सकेगा।

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी सुषमा स्वराज के साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा तथा उनके इस्तीफों की मांग की। उन्होंने कहा कि व्यापमं घोटाले में 48 लोगों की जान गयी है। हंगामे के बीच ही जेटली ने कहा कि स्पष्ट है कि कांग्रेस चर्चा नहीं चाहती और वह सिर्फ व्यवधान डालना चाहती है। उप सभापति पी जे कुरियन ने चर्चा शुरू करने को कहा लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य सुषमा के इस्तीफे की मांग करते रहे। हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने बैठक दोपहर बाद तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के दौरान ही वित्त मंत्री जेटली ने परक्राम्य लिखत (संशोधन) विधेयक 2015 वापस ले लिया।

इस बीच जेटली ने सदन से बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमें स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि विपक्ष कुछ समय तक व्यवधान पैदा करना चाहता है। वह चर्चा नहीं कराना चाहता। सरकार ने सार्वजनिक तौर पर और सदन में घोषित कर दिया है कि हम किसी भी प्रारूप में और किसी भी समय चर्चा को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने यह पेशकश की कि सुषमा स्वराज चर्चा का जवाब दे सकती हैं। अगर जरूरी हुआ तो अन्य केंद्रीय मंत्री भी जवाब दे सकते हैं। अगर वह चाहेंगे तो सुषमा के बयान के बाद चर्चा की शुरूआत कर सकते हैं। और चर्चा उनके बयान के इर्द गिर्द हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमने विकल्प विपक्ष पर छोड़ दिया जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। जेटली ने हालांकि कहा कि पूर्व के चलन और देश के संघीय स्वरूप को ध्यान में रखते हुए संसद में राज्य के मुद्दों पर चर्चा नहीं करायी जा सकती है। उधर लोकसभा की कार्यवाही उसके वर्तमान सदस्य दिलीप सिंह भूरिया के निधन के चलते उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

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