Saturday 12 September 2015

लिएंडर पेस ने हिंगिस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का खिताब जीता

अब सबसे ज्यादा डबल्स का रिकार्ड पेस के नाम
न्यूयार्क: लिएंडर पेस ने यहां स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट का मिश्रित युगल खिताब जीतकर इतिहास रचा। इस भारतीय के नाम पर अब ओपन युग में सबसे अधिक मिश्रित युगल खिताब का रिकार्ड है। भारत और स्विट्जरलैंड की चौथी वरीय जोड़ी ने बेथानी माटेक सैंड्स और सैम क्वैरी की अमेरिका की गैरवरीय जोड़ी को फाइनल में कड़े मुकाबले में 6-4, 3-6, 10-7 से हराकर इस सत्र में एक साथ तीसरा ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। पेस के नाम पर अब मिश्रित युगल के नौ ग्रैंडस्लैम खिताब हैं। उन्होंने अपने हमवतन और पूर्व जोड़ीदार महेश भूपति का रिकार्ड तोड़ा जिनके नाम पर आठ मिश्रित युगल खिताब थे।





पेस अब सिर्फ महान खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा से पीछे हैं जिनके नाम पर 10 मिश्रित युगल खिताब हैं। इन 10 में से दो ट्राफियां नवरातिलोवा ने पेस के साथ मिलकर जीती हैं। इस जोड़ी ने 2003 में आस्ट्रेलिया ओपन और विंबलडन का खिताब जीता था। इस साल आस्ट्रेलिया ओपन और विंबलडन का खिताब पहले ही जीत चुके पेस और हिंगिस 1969 के बाद पहली मिश्रित युगल जोड़ी हैं जिन्होंने एक ही साल में तीन ग्रैंडस्लैम खिताब जीते। हिंगिस ने अपना पहला मिश्रित युगल खिताब 2006 में आस्ट्रेलिया ओपन के रूप में जीता था जब वह भूपति के साथ मिलकर चैम्पियन बनी थी। पेस और हिंगिस ने पहले सेट में ही बेथानी की सर्विस तोड़कर 2-1 की बढ़त बनाई और फिर 5-4 के स्कोर पर पेस ने अपनी सर्विस बचाते हुए सेट जीत लिया। दूसरे सेट में भी एकमात्र ब्रेक निर्णायक साबित हुआ। बेथानी ने लगातार दो विनर के साथ हिंगिस की सर्विस तोड़ी। हिंगिस ने इसके बाद 2-5 के स्कोर पर तीन सेट प्वाइंट बचाए लेकिन क्वैरी ने अगले गेम में अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 1-1 कर दिया।
सुपर टाईब्रेक में अमेरिकी जोड़ी ने बेहतर शुरूआत करते हुए हिंगिस की सर्विस पर दो अंक के साथ 4-1 की बढ़त बनाई लेकिन पेस और हिंगिस ने इसके बाद बेथानी की सर्विस पर दो अंक जुटाकर स्कोर बराबर कर लिया। इसके बाद 7-7 के स्कोर पर पेस ने क्वैरी की सर्विस पर विनर लगाया और फिर अपनी सर्विस पर अगले दो अंक जीतकर गेम, सेट, मैच और खिताब अपने नाम किया।
फिर खिताब के लिए भिडेंगे फेडरर और जोकोविच 

न्यूयार्क: दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर ने छह साल में पहली बार अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के पुरूष एकल के फाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच से होगा। अमेरिकी ओपन में 1970 के बाद खिताब जीतने वाला सबसे अधिक उम्र का खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे पांच के बार के चैम्पियन 34 वर्षीय फेडरर ने सेमीफाइनल में स्विट्जरलैंड के अपने हमवतन स्टेन वावरिंका को 6-4, 6-3, 6-1 से हराया। वर्ष 2011 के चैम्पियन जोकोविच ने छठी बार अमेरिकी ओपन के फाइनल में जगह बनाई। सर्बिया के इस खिलाड़ी ने गत चैम्पियन मारिन सिलिच को रिकार्ड 6-0, 6-1, 6-2 से हराया जो आधुनिक युग में अमेरिकी ओपन का सबसे एकतरफा सेमीफाइनल है। कल होने वाला यह मुकाबला जुलाई के विंबलडन फाइनल का दोहराव होगा जहां जोकोविच ने अपने करियर का नौवां ग्रैंडस्लैम खिताब जीता था। यह फाइनल फेडरर और जोकोविच के बीच 42वीं भिड़ंत होगी। अब तक 17 के बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन फेडरर ने जोकोविच को 21 मुकाबलों में हराया है जबकि 20 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। अगस्त में सिनसिनाती में दोनों खिलाडिय़ों के बीच हुए मुकाबले में भी फेडरर ने बाजी मारी थी।

सेरेना का कैलेंडर स्लैम का सपना तोड़ा रोबर्टा ने


सेरेना विलियम्स का कैलेंडर स्लैम पूरा करने का सपना यहां टूट गया जब उन्हें अमेरिकी ओपन के महिला एकल सेमीफाइनल में इटली की रोबर्टा विंची के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। रोबर्टो ने पहले सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए तीन बार की गत चैम्पियनशिप सेरेना को 2-6, 6-4, 6-4 से हराकर उनके ग्रैंडस्लैम में लगातार 33 जीत के क्रम को तोड़ दिया। शनिवार को होने वाले फाइनल में दुनिया की 43वें नंबर की खिलाड़ी रोबर्टा का सामना हमवतन 26वीं वरीय फ्लाविया पेनेटा से होगा। फ्लाविया ने पहले सेमीफाइनल में दूसरे नंबर की खिलाड़ी सिमोना हालेप को 6-1, 6-3 से हराकर ओपन युग में पहले आल इटली महिला एकल फाइनल की नींव रखी थी। फ्लाविया और रोबर्टा ग्रैंडस्लैम के ग्रैंडस्लैम महिला एकल फाइनल में जगह बनाने वाली इटली की क्रमश: तीसरी और चौथी महिला खिलाड़ी हैं। इससे पहले 2010 में फ्रांसेस्का शियावोन ने 2010 में फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था जबकि सारा ऐरानी को 2012 में रोलां गैरो में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। फ्लाविया ने हालेप को सिर्फ 59 मिनट में हराया। फ्लाविया और रोबर्टा के बीच अब तक हुए नौ मुकाबलों में फ्लाविया ने पांच मैचों में जीत दर्ज की है जबकि चार में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

No comments:

Post a Comment