Friday 25 September 2015

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले सचिन ने दी भारतीय टीम को सलाह


मुंबई: दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज भारतीय खिलाडिय़ों को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी श्रृंखला के दौरान उसके लेग स्पिनर इमरान ताहिर से सतर्क रहने की सलाह दी। तेंदुलकर ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, इमरान ताहिर अच्छा गेंदबाज है। उन्हें उसके खिलाफ संभलकर खेलना होगा और संभवत: वह श्रृंखला का अग्रणी गेंदबाज होगा।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच महात्मा गांधी . नेल्सन मंडला श्रृंखला में तीन टी20, पांच वनडे और चार टेस्ट मैच खेले जाएंगे। तेंदुलकर ने कहा, हमारी वर्तमान टीम बेहतरीन है। इसमें बेहद प्रतिभाशाली और समर्पित खिलाड़ी है। मैं जानता हूं कि खिलाडिय़ों के बारे में कई बातें की जाती हैं लेकिन जब क्रिकेट की बात होती है तो कोई शार्ट कट नहीं होता। मैं जानता हूं कि ये खिलाड़ी प्रतिबद्ध हैं और यह टीम शानदार है। उन्होंने कहा, यह श्रृंखला बेहद रोमांचक होगी चाहे वह टी20 हो या वनडे। मेरे लिये निश्चित रूप से टेस्ट श्रृंखला ऐसी है जिस पर मेरी निगाह रहेगी। दोनों टीमें बेहद संतुलित हैं। तेंदुलकर ने कहा, मैं कभी दक्षिण अफ्रीका की ऐसी टीम के खिलाफ नहीं खेला जिसके लिये कहा जा सकता हो कि वह ठीक ठाक है। उसकी टीम हमेशा बेहद मजबूत रही और अब भी कोई बदलाव नहीं आया है। एबी डिविलियर्स, हाशिम अमला और डेल स्टेन व मोर्ने मोर्कल को कैसे भूल सकते हैं।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबलों को याद करते हुए तेंदुलकर ने 1992 के हीरो कप सेमीफाइनल को याद किया। उन्होंने कहा, जब दक्षिण अफ्रीका पहली बार 1991 में भारत आया था तो वह अतुलनीय अनुभव था। वे ईडन गार्डन्स में एक लाख लोगों को देखकर अचंभित थे। इसके बाद जब हम 1992 में दक्षिण अफ्रीका गये तो वहां भी हमारा जोरदार स्वागत हुआ। तेंदुलकर ने कहा, हम डरबन में उतरे और हमें लगभग 30 किमी दूर होटल तक चमचमाती कारों में ले जाया गया। सड़क के दोनों तरफ लोग हमारे स्वागत के लिये खड़े थे। यह दक्षिण अफ्रीका का मेरा पहला अनुभव था। उन्होंने कहा, यदि आप दक्षिण अफ्रीकी मैच की बात करते हो तो मैं हीरो कप सेमीफाइनल कैसे भूल सकता हूं। मैं जिन मैचों का हिस्सा रहा उनमें वह बेजोड़ था। आखिरी गेंद तक किसी को पता नहीं था कि क्या होने जा रहा है। लगातार मैच में पासा पलट रहा था। भारत ने 24 नवंबर 1992 को दक्षिण अफ्रीकी टीम को दो रन के करीबी अंतर से हराया था।
तेंदुलकर ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका की बात करें तो जब आप वहां जाते हो तो कुछ नया पाते हो जिसको लेकर आप दीवाने बन जाते हो और जब क्रिकेट की बात आती है तो कई तरह की चुनौतियां होती है जैसे कि परिस्थितियां, पिच आदि। जोहानिसबर्ग वांडरर्स और सेंचुरियन जैसे उंचाई वाले मैदानों पर खेलने जैसा अनुभव आपको दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। वहां आक्सीजन कम होती है।

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