Monday 28 September 2015

मुजफ्फरनगरः पुरकाजी के विवादित विधायक अनिल कुमार की सपा नेताओं ने की घेराबंदी

जिला पंचायत चुनाव में अनिल की पत्नी के सामने पूर्व मंत्री उमाकिरण को उतारा 
मुजफ्फनगरः जिला पंचायत चुनाव को लेकर जिले में माहौल पूरा राजनीतिक हो चुका है। भाजपा, सपा और बसपा ने इसे विधानसभा चुनाव का रिहर्सल मानते हुए पूरी गोलबंदी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची भी जारी की जा रही है। इसमें सबसे अहम घटनाक्रम ये है कि पुरकाजी (सु) सीट से बसपा के विधायक अनिल कुमार की घेराबंदी करने की तैयारी कर ली गई है। सपा ने अनिल कुमार की पत्नी के खिलाफ पूर्व मंत्री उमाकिरण को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाने का फैसला किया । ये एक महत्वपूर्ण पैतरा है। अनिल कुमार व उमाकिरण की पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। अनिल के सामने 2012 के विस चुनाव में उमा ने सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। कभी अनिल कुमार भी उमाकिरण के चेले रह चुके हैं। जब उमाकिरण यूपी की मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्री बनी थी तो अनिल कुमार उनके घर पर लोगों की मेहमाननवाजी करते थे और चाय पानी की व्यवस्था कराया करते थे। बाद में वे बसपा में चले गए और विधायक बन गए। अनिल कुमार लगातार दो बार विधायक (चरथावल व पुरकाजी से) रह चुके हैं लेकिन उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने अंकित विहार में विशाल कोठी बनाई थी कुछ साल पहले जिसकी कीमत करोड़ो में है। इसे लेकर जांच की मांग भी उठती रही है। अनिल को पार्टी के भीतर भी भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता है। बसपा में कई बड़े नेताओं को वे खुश करते रहे हैं। 
2012 के विस चुनाव में मायावती ने उनका टिकट काटकर डॉ. जे पी सिंह निमी को दे दिया था। निमी सरकारी चिकित्सक रहे हैं और पुरकाजी क्षेत्र में उनका नाम भी है। मायावती को लगा कि वे अनिल के मुकाबले वे अच्छे प्रत्याशी रहेंगे और खुद जे पी को लखनऊ बुलाकर टिकट दे दिया। अपना टिकट कटने से बिलबिलाए अनिल ने पार्टी में मंडल प्रभारी व अन्य बड़े नेताओं के लाथ लॉबिंग की और कुछ महीने बाद जे पी का टिकट ये कहकर कटवा दिया कि वे क्षेत्र में चुनाव का माहौल नहीं बना पा रहे हैं। जिस समय उनका टिकट बदला गया उस समय ये तय हुआ था कि वे जे पी को 20 लाख रुपये देंगे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निमी ने बसपा के लखनऊ में हुए कार्यक्रमों में मोटा चंदा दिया था और एक ट्रेन किराए पर करके हजारों लोगों को लखनऊ मायावती के जन्मदिन के कार्यक्रम में लेकर गए थे। अनिल ने यहां भी गड़बड़ की। उन्होने निमी का पैसा नहीं दिया। जे पी ने खुलेआम मीडिया में ये आरोप लगाए कि उनके साथ धोखा किया गया है और अनिल ने वायदे के मुताबिक पैसा नहीं दिया है। विस में उनके सामने सपा से चुनाव लड़ी उमाकिरण ने भी ये आरोप लगाए थे कि अनिल ने हजारों फर्जी वोट इलाके में बनवाए हुए हैं और इसलिए वे जीते थे।
बहरहाल इस विवादित छवि वाले अनिल ने पिछले दिनों अपनी पत्नी बीना को जिला पंचायत का चुनाव लड़ाने का फैसला किया। शायद उन्हें लगा रहा होगा कि इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित होगा। सत्ताधारी सपा नेताओं ने भी अनिल की घेराबंदी की योजना बना ली है।  समाजवादी पार्टी के नेताओं की मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एक बैठक हुए जिसमें ये तय हुआ कि बीना के सामने उमाकिरण को लडाया जाए। उमा को सपा नेताओं प्रमोद त्यागी आदि का समर्थन हासिल है।
इसी तरह वार्ड 12 से वेदपाल ठेकेदार (सपा नेता) की पत्नी चाहती देवी को समर्थन देने का भी निर्णय बैठक मे हुआ। हालांकि पार्टी ने विधिवत इसकी घोषणा नहीं की। बैठक में नए जिलाध्यक्ष श्यामलाल बच्ची सैनी, सतेंद्र सैनी, प्रमोद त्यागी, गौरव स्वरूप, शाहनवाज राना, पूर्व मंत्री उमाकिरण, राजकुमार यादव, मुकेश चौधरी, आदि मौजूद रहे।

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