Tuesday 30 June 2015

उपचुनाव नतीजेः जयललिता की बड़ी जीत दर्ज की, 5 राज्यों की 6 सीटों पर सत्तारूढ़ दलों का कब्जा

चेन्नई/ भोपाल: अन्नाद्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने 1.5 लाख मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। वहीं, केरल और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों की छह सीटों पर हुए उपचुनाव में उन राज्यों में सत्तारूढ़ दलों ने सारी सीटें अपनी झोली में डाल लीं। जयललिता ने चेन्नई की आर के नगर सीट पर एक लाख 50 हजार 722 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाकपा के सी महेंद्र को पराजित किया। महेंद्रन की अन्य उम्मीदवारों की तरह जमानत जब्त हो गई।
अगले साल केरल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ यूडीएफ सरकार को तब और बल मिला जब तिरवनंतपुर में अरूविक्कारा सीट पर कांग्रेस के के एस सबरीनंदन ने माकपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी विजय कुमार को 10 हजार 128 मतों के अंतर से हराया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जी कार्तिकेयन के पुत्र सबरीनंदन को 56 हजार 448 मत मिले जबकि विजयकुमार को 46 हजार 320 मत मिले और भाजपा उम्मीदवार तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ राजगोपाल को 34 हजार 145 मत मिले। इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत जी कार्तिकेयन की फरवरी में मृत्यु के कारण पड़ी।
भाजपा ने मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की गरोथ विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। हालांकि, इस बार 2013 के विधानसभा चुनाव की तुलना में जीत का अंतर कम हो गया। चंदर सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के सुभाष कुमार सोजाटिया को 12 हजार 945 मतों के अंतर से हराया। भाजपा ने इससे पहले गरोथ सीट 25 हजार 755 मतों के अंतर से जीता था। कांग्रेस ने हालांकि पिछली बार की तुलना में कम अंतर से भाजपा की जीत को सत्तारूढ़ दल की नैतिक हार बताया। माकपा ने त्रिपुरा के प्रतापगढ़ (एससी) और सूरमा (एससी) सीट पर भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की। रामू दास ने भाजपा की निकटतम प्रतिद्वंद्वी मौसमी दास को प्रतापगढ़ सीट पर 17 हजार 326 मतों के अंतर से हराया जबकि अंजन दास ने सूरमा सीट पर भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष दास को 15 हजार 309 मतों के अंतर से हराया। दोनों सीटों पर भाजपा ने दूसरे स्थान पर कांग्रेस की जगह ले ली।
मेघालय में कांग्रेस ने चोकपॉट सीट 2550 मतों के अंतर से जीत ली। कांग्रेस उम्मीदवार ब्लूबेल आर संगमा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नेशनल पीपुल्स पार्टी के फिलिपोल मारक को हराया। भारी मतों के अंतर से अपनी जीत पर खुशी और मतदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए जयललिता ने कहा,'यह ऐतिहासिक जीत है। मैं आश्वासन देती हूं कि मैं मतदाताओं की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करूंगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल मतों से 88.43 फीसदी मतदाताओं ने मेरे पक्ष में मतदान किया, जो ऐतिहासिक है।
जयललिता को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता हासिल करने की संवैधानिक जरूरत को पूरा करना था। जयललिता के चुनाव लडऩे के लिए अन्नाद्रमुक के पी वेट्रिवेल ने सीट खाली की थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी किए जाने के बाद 23 मई को जयललिता ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। केरल में उपचुनाव का नतीजा चार साल पुरानी यूडीएफ सरकार को बड़ी राहत देने वाला है क्योंकि विपक्ष ने सौर और बार रिश्वत घोटाला पर सरकार को घेरने के प्रत्येक अवसर का इस्तेमाल किया था।



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