Wednesday 17 June 2015

EXCLUSIVE: ललित मोदी के सहारे कई निशाने, पर्दे के पीछे की चौंका देने वाली कहानी

क्रिकेट में आधिपत्य की लड़ाई में एनडीए को रोकने की कोशिश कर रही है एक लॉबी

डालमिया व ठाकुर की एंट्री के बाद बीसीसीआई में बढ़ रहा है एनडीए का दखल

जी ग्रुप के सुभाष चंद्रा की एक नई क्रिकेट लीग भी बन रही है नाक का सवाल





नई दिल्लीः ललित मोदी के साथ सुषमा स्वराज और अब वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम जोड़कर एक तीर से कई निशाने साधने का काम किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यूपीए सरकार के समय से ही आईपीएल पर काबिज हो गई कांग्रेस समर्थित लॉबी अब मोदी सरकार के गठन के साथ ही अपनी स्थिति कमजोर होने के कारण इस मामले को तूल दे रही है। कहा जा रहा है कि ‘संडे टाइम्स’ ने इस मामले का खुलासा मीडिया मुगल रुपर्ट मर्डोक के इशारे पर किया है। साथ ही जी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा द्वारा प्लान की जा रही एक ऐसी ही क्रिकेट लीग को भी रोकने का प्रयास भी इस बहाने से किया जा रहा है।
क्रिकेट व राजनीति के क्षेत्रों से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों से हमें जानकारी मिली है कि आईपीएल से ललित मोदी को आउट करने के बाद से यूपीए सरकार से जुड़े लोग इस पैसा कमाने वाले धंधे में सबसे ज्यादा जुड़ गए थे। तत्कालीन केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की फ्रेंचाइजी रद हो जाने के बाद से ही ललित मोदी को इस मामले में निशाने पर ले लिया गया था। उस समय के सबसे ताकतवर केंद्रीय मंत्री रहे पी चिदंबरम ने ललित मोदी की ऐसी घेराबंदी की कि उन्हें भारत से भागना पड़ा।
अब एनडीए सरकार के सत्ता में आ जाने के बाद से फिर से भाजपा समर्थित लोग क्रिकेट में सक्रिय हो रहे हैं। उनके पास ताकत आ रही है। भाजपा सांसद व युवा नेता अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के सचिव बन गए हैं। अरुण जेटली काफी समय से क्रिकेट से जुड़े रहे हैं लेकिन यूपीए सरकार के समय वे साइड लाइन कर दिए गए थे। तभी से जेटली भी क्रिकेट में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। जगमोहन डालमिया की बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर वापसी भी एनडीए सरकार के फिर से प्रभावशाली होने की ओर इशारा कर रही है। पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन यूपीए सरकार के करीबी थे।

सुभाष चंद्रा की क्रिकेट लीग रोकने की साजिश ?

सब जानते हैं कि सुभाष चंद्रा (जी टीवी के मालिक) शुरू से ही भाजपा समर्थक रहे हैं। उनके अधिकारियों को कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने जेल भिजवा दिया था। तभी से वे सक्रिय हैं कि किसी तरह से हिसाब चुकता किया जाए। पिछले दिनों उन्होंने घोषणा की थी कि वे एक नई क्रिकेट लीग शुरू करने जा रहे हैं। एक आस्ट्रेलियाई अखबार ने इस आशय की खबर भी प्रकाशित की थी। इस लीग के लिए पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव का भी विशेष रूप से अनुबंधित किया गया था। बता दें, आईपीएल से पहले सुभाष चंद्रा एक ऐसी ही लीग लेकर आए थे लेकिन ललित मोदी ने आईपीएल शुरू करा दी तो सुभाष चंद्रा की लीग को दर्शक नहीं मिले। इसके अलावा बीसीसीआई ने भी चंद्रा की लीग का विरोध किया तो उसे बंद कर दिया गया।
सुभाष चंद्रा को इस बात का भी मलाल शुरू से ही रहा है कि क्रिकेट आयोजन के टीवी राइट्स उनकी कंपनी को नहीं मिल पाते हैं। इसी वजह से जी ग्रुप का कोई स्पोर्ट्स चैनल आज तक स्थापित नहीं हो सका है। अब जबकि 10 साल के लंबे अंतराल के बाद केंद्र में एनडीए की सरकार आई है तो चंद्रा को लग रहा है कि उनके अनुकूल माहौल बन सकता है। नरेंद्र मोदी से चंद्रा के नजदीकी रिश्ते हैं। आईपीएल को लेकर जितने भी विवाद उछलेंगे उसका फायदा चंद्रा को मिलेगा। क्रिकेट की दुनिया में कहा तो ये भी जा रही है कि बहुत संभव है कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में ही आईपीएल को खत्म कर दिया जाए।


आईपीएल को बंद करना चाहती है एनडीए सरकार?

क्रिकेट में सक्रिय भाजपा समर्थित लॉबी का मानना है कि आईपीएल ने खेल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। खिलाड़ी लालची हो रहे हैं और उनका ध्यान खेल से ज्यादा पैसा कमाने पर है। कई खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग में पकड़े जा चुके हैं। संभवतः अगर चंद्रा की लीग आती है तो उसे बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि ये खबरें अभी दूर की कौड़ी लग सकती हैं लेकिन आने वाले समय में ऐसा ही हो जाए तो कोई अचंभे की बात नहीं होगी। फिलहाल तो बीसीसीआई में सक्रिय कांग्रेस लॉबी इस प्रयास में लगी है कि किसी भी तरह ललित मोदी की भारत वापसी रोकी जाए और सुभाष चंद्रा की लीग भी शुरू न हो सके। यही वजह है कि लगातार भाजपा नेताओं को ललित मोदी से जोड़कर एनडीए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।

पी. चिदंबरम ने सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की

भाजपा के शीर्ष नेताओं वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से जुड़ा ललितगेट विवाद और गहराता जा रहा है और अब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन के अधिकारियों को लिखे गए सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की जिसमें बारे में उनका कहना है कि इससे कांग्रेस और उनके खिलाफ सभी आरोपों का जवाब मिल जायेगा।
कांग्रेस ने इस मामले में दागी पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की मदद करने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग की। इस मामले में कांग्रेस की ओर से भाजपा पर हमला उस समय और तेज हो गया है जब ललित मोदी की ओर से यह विस्फोटक दावा किया गया कि वसुंधरा राजे ने ब्रिटेन में उनकी आव्रजन याचिका पर लिखित में उनका समर्थन किया था और उनका विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ पारिवारिक संबंध है और सुषमा के पति और उनकी पुत्री ने उन्हें नि:शुल्क कानूनी सेवा प्रदान की थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने आज अपने ट्वीट में कहा, संप्रग के खिलाफ ललित मोदी के आरोपों का पूरा जवाब ब्रिटेन के चांसलर को लिखे पत्र से मिल सकता है। इन्हें जारी करें। ललित मोदी ने कल रात टेलीविजन पर साक्षात्कार में कांग्रेस और चिदंबरम पर राजनीतिक बदले के तहत निशाना साधने का आरोप लगाया था, जो आईपीएल घोटाले के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के मंत्री पद गंवाने से संबंधित है।
दो वर्ष से भी पहले तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ब्रिटिश सरकार से पूछा था कि वह पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जो धन शोधन समेत व्यापक वित्तीय अनियमितता के मामले में आरोपी है और लंदन में शरण लिये हुए हैं। चिदंबरम ने इस विषय को 2013 में चांसलर आफ द एक्सचेकर जार्ज ओसबोर्न के साथ बैठक में उठाया था। वह चाहते थे कि ब्रिटेन ललित मोदी को वापस भेजे, क्योंकि भारत में उनका पासपोर्ट जब्त हो गया था और उनके ब्रिटिश वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी।

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को फिर से बनाया निशाना

ललितगेट में नये खुलासे से इसमें वसुंधरा राजे का नाम जुड़ने के बाद कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने ललित मोदी की मदद करने के लिए राजे और सुषमा के इस्तीफे की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में उनकी चुप्पी से स्पष्ट होता है कि इन नेताओं को प्रधानमंत्री का मौन समर्थन प्राप्त है। बहरहाल, बाल्कन क्षेत्र के छोटे देश मोंटीनेग्रो में छुट्टियां मना रहे ललित मोदी ने कहा कि दो वर्ष पहले कैंसर का उपचार करा रही उनकी पत्नी के साथ राजे पुर्तगाल गई थीं। राजे दिसंबर 2013 में दूसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनीं।
आईपीएल के पूर्व दागी आयुक्त की यह टिप्पणी इस समय काफी महत्व रखती है, क्योंकि उनका यह बयान इस खबर के कुछ ही घंटे बाद आया कि राजे ने ब्रिटेन में आव्रजन के संबंध में उनके मामले में ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष अगस्त 2011 में गवाह के तौर पर बयान दिया था, जिसे उन्होंने भारत से फरार होने के बाद आधार बनाया था जहां वह धन शोधन और फेमा उल्लंघन के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
राजे का तथाकथित बयान ललित मोदी खेमे की ओर से सार्वजनिक किया गया था, लेकिन उसी रात मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी दस्तावेज की जानकारी नहीं है। अपने साक्षात्कार में ललित मोदी ने कहा था, वसुंधरा राजे से मेरा संबंध 30 वर्ष पुराना है। इन संबंधों के बारे में सभी को पता है। उन्होंने कहा कि वह उनके परिवार और पत्नी की लम्बे समय से करीबी मित्र हैं, वह आराम से तैयार हो गईं (गवाह बनने के लिए), लेकिन दुर्भाग्य से जब मामला सुनवाई के लिए गया तब वह मुख्यमंत्री बन चुकी थीं, इसलिए वह गवाही के लिए नहीं आई। उन्होंने जो बयान दिये, वह सभी अदालत के रिकार्ड के रूप में हैं।

वसुंधरा ने की थी मेरी मददः ललित

ललित मोदी ने कहा कि जब मेरी पत्नी बीमार थी तब राजे और सुषमा ने मेरा समर्थन किया था। सुषमा स्वराज के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ललित मोदी ने कहा, यह परिवार की तरह, कानूनी, आप जो भी कह लें। हम काफी करीब रहे। लेकिन विषय यह नहीं है, मैं कई राजनीतिकों के काफी करीब हूं, केवल सुषमा स्वराज के ही नहीं। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी को कौन पुर्तगाल ले गया, वसुंधरा राजे ले गई। यह बात कोई नहीं जानता, मैं इसे रिकॉर्ड के रूप में रख रहा हूं। उन्होंने कहा कि वह 2012 और 2013 में उनकी पत्नी मीनल के साथ गई थी। राजे के गवाह के तौर पर बयान के सामने आने से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल करने में मदद से जुड़े विवाद में नया मोड़ आ गया है। ललित मोदी ने कहा, मैंने उनसे (सुषमा से) मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि वह किसी अन्य विदेश मंत्री से भी ऐसी ही दरख्वास्त करते।

20 साल से जानता हूं सुषमा के पति कोः ललित

ललित मोदी ने कहा कि मैं स्वराज कौशल (सुषमा के पति) को 20 वर्षों से जानता हूं। वह 20 वर्षों से मेरे वकील रहे हैं, उनकी पुत्री बांसुरी चार वर्ष तक मेरी वकील रहीं। उन्होंने मुझे नि:शुल्क विधि सेवा प्रदान की। गवाह के तौर पर बयान इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा सुषमा स्वराज का समर्थन करने के कुछ ही घंटे बाद सामने आया, जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि सुषमा ने विश्वास करके और सदाशयता के नाते ऐसा किया। दस्तावेज में गोपनीयता का उपबंध है, जिसमें राजे द्वारा ललित मोदी के मामले के तथाकथित समर्थन की बात है, लेकिन इसका भारतीय अधिकारियों के समक्ष खुलासा नहीं करना चाहती थीं। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उस समय राजनीतिक तूफान में घिर गईं, जब ब्रिटेन स्थित संडे टाइम्स ने लेबर पार्टी के प्रभावशाली सांसद कीथ वाज और ब्रिटेन के वीजा एवं आव्रजन प्रमुख सारा रैप्सन के बीच बातचीत के लीक हुए हिस्से से संबंधित खबर दी, जिसमें ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज हासिल करने में सुषमा स्वराज की मदद का जिक्र किया गया था।

कांग्रेस नेताओं ने भी की थी मददः ललित

इंडिया टुडे टीवी चैनल के राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में ललित मोदी ने बताया कि राकांपा के नेताओं शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने तथा कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने भी उनकी मदद की थी। शुक्ला ने कहा कि उन्होंने तीन वर्ष तक मोदी से बात नहीं की, जबकि पवार ने कहा कि उन्होंने मोदी को भारत वापस आने और जांच का सामना करने के लिए मनाने की कोशिश की थी। बहरहाल, एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों से भारत नहीं जा रहे हैं। पत्नी की सर्जरी के तीन दिन बाद प्रसिद्ध एलबिजा रिसार्ट में छुट्टियां बिताने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि परिवार ने पुर्तगाल मेडिकल सेंटर में इस बड़े उपचार के बाद इसे सेलीब्रेट करने का फैसला किया था। ललित मोदी की पत्नी लीवर कैंसर से पीड़ित थीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया, कानून के अनुरूप चले और सभी बकाये का भुगतान किया। उन्हें पूववर्ती संप्रग सरकार ने कटघरे में खड़ा किया और वह भगोड़े नहीं हैं।

वसुंधरा को लेकर नया खुलासा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को यात्रा संबंधी ब्रिटिश दस्तावेज हासिल करने में मदद मामले में एक नया दस्तावेज सामने आया जिसमें कहा गया है कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ललित के आव्रजन आवेदन का कथित तौर पर समर्थन किया था। इस दस्तावेज की विश्सनीयता की पुष्टि नहीं हो सकी है। विटनेस स्टेटमेंट शीर्षक वाले इस दस्तावेज में गोपनीयता का उपबंध है जिसमें वसुंधरा ने ललित मोदी के मामले का कथित तौर पर समर्थन किया, लेकिन यह नहीं चाहती थीं कि इसका खुलासा भारतीय प्रशासन के समक्ष हो। कहा गया है कि इस दस्तावेज को ललित मोदी कैंप ने जारी किया है। देर शाम वसुंधरा ने इस दस्तावेज से खुद को अलग करते हुए कहा, मैं नहीं जानती कि वे किस दस्तावेज की बात कर रहे हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने माना कि वे 22 साल तक ललित मोदी के वकील रहे। एक समाचार चैनल के खबर के मुताबिक स्वराज कौशल ने माना है कि अप्रैल 2010 में आईपीएल सीजन के दौरान मुंबई गए थे, तब ललित मोदी ने 21-22 अप्रैल को उनके रहने का इंतजाम एक महंगे होटल में किया था। कौशल के मुताबिक वे वकील के नाते ललित मोदी को सलाह देने के लिए गए थे। हालांकि उनके डिलक्स सी व्यू होटल के कमरे का बिल ललित मोदी के निजी खाते के बजाय आईपीएल के खाते में डाला गया था। वहीं स्वराज का कहना है कि उनका आईपीएल से कोई वास्ता नहीं, वे क्रिकेट से दूर रहते हैं। इसी साल मेहमानों की लिस्ट सामने आने के बाद आईपीएल के आयोजन में भूचाल आ गया था।

ललित मोदी के खिलाफ मामलों में तेजी आएगी

ललित मोदी को मदद पहुंचाने के आरोप से घिरी केंद्र सरकार उनके खिलाफ चल रहे मामलों को तेजी से आगे बढ़ाएगी। केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए यह रणनीति बनाई है कि ललित मोदी के खिलाफ चल रहे मामलों को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्रवाई की जाए। मोदी के खिलाफ फेमा से जुड़े 16 मामलों में से 15 में नोटिस दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि फेमा से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती बल्कि जुर्माना लगाया जाता है। हालांकि ललित मोदी पर एक मामला प्रीवेंशन आफ मनी लाडरिंग एक्ट पीएमएलए के तहत है। सूत्रों का कहना है कि पीएमएलए के तहत चेन्नई में दर्ज किया गया मामला क्रिकेट राजनीति की प्रतिस्पर्द्धा की वजह से हुआ था। हालांकि इन सभी मामलों में ईडी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगा।
सुलह सफाई की कोशिशों के बीच वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इसको लेकर बहस चलती रही कि ललित मोदी का पासपोर्ट को निरस्त किए जाने के फैसले को रद्द करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ किसे अपील करनी चाहिए। उच्च न्यायालय का आदेश पिछले साल अगस्त में आया था।

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