Thursday 25 June 2015

मोदी ने कहा- विकास के लिए एफडीआई जरूरी, बिल्डर नहीं करेंगे शहरी विकास


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शहरों में सभी के लिए घर और 100 स्मार्ट शहरों समेत 600 शहरों के विकास के लिए तीन महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों की शुरूआत करते हुए शहरी बुनियादी संरचना में अधिक से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की और इसमें निजी क्षेत्र की सहभागिता की वकालत की। मोदी ने कहा कि सरकार मकान खरीदने वालों के हितों का संरक्षण एक विधेयक के माध्यम से करेगी जो संसद में है। उन्होंने कहा कि निजी प्रोपर्टी डेवलपर्स को यह फैसला करने का हक नहीं होना चाहिए कि शहर का विकास कैसे हो। यह फैसला स्थानीय निवासियों और शहर प्रशासन के अधिकारियों को लेने का हक होना चाहिए।

वह राजधानी में स्मार्ट शहर मिशन, कायाकल्प और शहरी बदलाव के लिए अटल मिशन (अमृत) और सभी के लिए आवास (शहरी) योजनाओं की शुरूआत के मौके पर संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि ये पहल आदर्श बदलाव के लिए है और विश्वस्तरीय शहरी क्षेत्र बनाने के लिए जनकेंद्रित दृष्टिकोण प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को उनके हाल पर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण को अवसर के तौर पर देखना चाहिए और शहरी केंद्रों को विकास के इंजन के रूप में देखना चाहिए।

समारोह में कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कुछ नगर निगमों तथा नगर पालिकाओं के मेयर व चेयरमैन समेत अनेक अधिकारी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज पीपीपी मॉडल करीब करीब स्वीकृत हो चुका है। हम उसे कैसे बल दें। हम ज्यादा से ज्यादा शहरी बुनियादी संरचना के लिए कैसे अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाएं। हम विश्व में जहां से भी आर्थिक संसाधनों को प्राप्त कर सकते हैं, कैसे करें, लेकिन निर्धारित अवधि में स्थिति को कैसे बदलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण भारत सरकार नहीं करेगी। इनका निर्माण शहर के निवासी और नगरपालिकाओं के अधिकारियों की मांग के आधार पर एक प्रतिस्पर्धी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पर्धा के माध्यम से चयन किया जाएगा। केवल मानकों को पूरा करने वालों को स्पर्धा में जगह मिलेगी। दूसरी परीक्षा के बाद अंतिम चयन होगा। मोदी के मुताबिक जब किसी शहर का चयन होगा तो केंद्र और राज्य मिलकर उसे स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में काम करेंगे। व्यापक परामर्श के बाद परिकल्पित इस कार्यक्रम में दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ तरीकों को शामिल किया जाएगा।

एक प्रस्तावित स्मार्ट शहर की झलक देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें प्रौद्योगिकी, ऊर्जा क्षमता, सक्षम परिवहन, चलते हुए काम करने और साइकिल के चलन आदि प्रावधान होंगे। अमृत कार्यक्रम के तहत 500 शहरों का पांच साल में कायाकल्प किया जाएगा वहीं सभी के लिए घर योजना में साल 2022 तक, जब देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, शहरी गरीबों के लिए दो करोड़ किफायती घरों का निर्माण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत योजना के तहत सरकार का उद्देश्य शहरों को खुद उनके भविष्य के विकास की योजना तैयार करने का अवसर देना है। उन्होंने कहा कि शहरों में रहने वाली या अपनी आजीविका के लिए शहरों पर निर्भर रहने वाली भारत की 40 फीसदी आबादी के लिए जीवन में बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करना यहां समारोह में एकत्रित लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है।

देशभर के सर्वश्रेष्ठ तौर तरीकों को अपनाने पर जोर देते हुए मोदी ने ठोस कचरा प्रबंधन में कांग्रेस शासित कर्नाटक के प्रयासों का उदाहरण दिया और कहा कि राज्य ने इस दिशा में अच्छा काम किया है तथा अन्य राज्य भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में हैदराबाद की कर संग्रह प्रणाली का भी उल्लेख किया जिसने बिना किसी बढ़ोतरी के मिसाल कायम की है। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में खुले में शौच के चलन को समाप्त करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यों का भी उन्होंने जिक्र किया। मोदी ने कहा कि जन प्रतिनिधि और नेता अपने कार्यकाल में जो अच्छे काम करते हैं, उनके लिए उन्हें याद किया जाता है। उन्होंने शहरी नेताओं से जनता की भलाई के लिए कुछ काम करने को कहा।

उन्होंने कहा कि आप कितनी बार चुनाव जीते, आप कितनी बार गठबंधन में सत्ता में आए या आपने कितने लोगों को हराया? ये सफलता के मानदंड नहीं हैं। सफलता के मानदंड जनता के लिए किये गये आपके अच्छे काम हैं जिसने आपको चुना है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान में रचि दिखाने और काम करने के लिए लोगों और मीडिया की प्रशंसा की। उन्होंने इस बारे में जागरुकता पैदा करने में मीडिया की सकारात्मक भूमिका को भी सराहा।

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