Saturday 27 June 2015

समलैंगिक विवाह का कड़ा विरोध किया बॉबी जिंदल ने

अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं भारतीय अमेरिकी

न्यूयार्कः अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे भारतीय मूल के बॉबी जिंदल ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है। भारतीय होने के नाते बॉबी ने कहा है कि महिला व पुरुष के बीच वैवाहिक संस्था ईश्वर की स्थापित की हुई है और इसके खिलाफ आप कुछ भी कदम उठाते हैं तो ये सही नहीं होगा। जिंदल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अपने हिसाब से ही कानून बना रहा है और मनमानी कर रहा है।
लुसियाना के भारतीय अमेरिकी गर्वनर बॉबी जिंदल ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने और स्वास्थ्य सेवा कानून बरकरार रखने से जुड़े दो ऐतिहासिक फैसलों के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए सर्वोच्च न्यायिक संस्था से ‘निजात’ पाने का आह्वान किया। 2016 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 13वें दावेदार जिंदल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बेकाबू हो गया है, खुद ही कानून बना रहा है और न्यायिक संस्था की बजाए एक जनमत सर्वेक्षण बन गया है। उन्होंने कहा कि अगर हम कुछ पैसे बचाना चाहते हैं तो हमें इस कोर्ट से निजात पा लेनी चाहिए। जिंदल ने कहा कि समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने विवाह नाम की संस्था को मूलभूत रूप से नई परिभाषा दी है। उन्होंने कहा कि एक पुरूष और महिला के बीच विवाह ईश्वर ने स्थापित किया है और दुनिया की कोई भी अदालत इसे बदल नहीं सकती। जिंदल ने दलील दी कि समलैंगिक शादी का बचाव करने से धार्मिक लोगों के खिलाफ भेदभाव का रास्ता खुलेगा जो इसका विरोध करते हैं।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देते हुए कहा था कि समलैंगिक लोग देश के सभी 50 प्रांतों में विवाह कर सकते हैं। ये बात इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि भारत में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को अपराध करार देने वाला फैसला दिया था। इसे लेकर भारत की आलोचना हुई थी और इसे दकियानूसी विचारधारा करार दिया गया था।



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