Saturday 20 June 2015

सुषमा स्वराज से जुड़ा एक और विवाद, मध्य प्रदेश सरकार ने पति व बेटी को बनाया है वकील

नई दिल्ली: भाजपा ने भले ही सुषमा स्वराज को ललित मोदी मामले में मासूम मानकर क्षमा कर दिया हो लेकिन एक और नया विवाद प्रकाश में आने से मामला फिर गरम हो गया है। अब सुषमा स्वराज पर एक और आरोप लगा है। आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार ने सुषमा के पति और बेटी को सुप्रीम कोर्ट में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त किया है। भोपाल के आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने ये आरोप लगाते हुए नियुक्ति प्रक्रिया की जांच की मांग की है।
बता दें कि सुषमा के पति स्वराज कौशल व बेटी बांसुरी कौशल सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और वहां मध्य प्रदेश सरकार से जुड़े मामलों में पैरवी करते हैं। इस बारे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल और बेटी पर सरकार ने कोई मेहरबानी नहीं की है। यह प्रक्रिया एक कानूनी तरीके से पूरी हुई है। पहले भी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम कई सरकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ते रहे हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथित डंपर घोटाले के दौरान 2013 में बांसुरी स्वराज जबलपुर हाईकोर्ट में पैरवी के लिए आई थीं।
आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि प्रदेश सरकार के लिए वकीलों की चयन प्रक्रिया को लेकर जानकारी मांगी गई थी। इसमें बताया गया है कि प्रदेश सरकार के वकीलों में सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और बेटी बांसुरी कौशल का नाम है। इसके अलावा, वित्त मंत्री अरुण जेतली की बेटी सोनिया जेतली को भी सरकार ने वकील बनाया, जिन्होंने बाद में रिजाइन कर दिया था।
अजय दुबे का आरोप है कि प्रदेश सरकार की वकीलों के चयन की कोई प्रक्रिया नहीं है। सरकार अपने हितों के लिए जिसे चाहे वकील नियुक्त कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ लोकायुक्त की तरफ से डंपर कांड की पैरवी करने वाली बांसुरी कौशल को सरकार का वकील बनाने से चयन प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है। सरकार अपने राजनीतिक हित और बड़े प्रोफाइल को देखकर पैसा लुटा रही है।

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