Thursday 11 June 2015

अब बड़े अक्षरों में दवाओं का पर्चा लिखेंगे डाक्टर

नई दिल्ली: मरीजों को परेशान करने वाली डाक्टरों की अपठनीय लिखावट पर चुटकुले जल्द ही अतीत की बात हो सकती है क्योंकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसी राजपत्रित अधिसूचना लाने की तैयारी में है जिसमें डाक्टरों से दवाओं का पर्चा बड़े अक्षरों में 'पढने लायक लिखने के लिए कहा जायेगा । डाक्टरों से दवाओं के जेनेरिक नाम लिखने के लिए भी कहा गया है ताकि लोग कम दाम में दवाएं ले सकें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 'स्वास्थ्य मंत्रालय एमसीआई नियमन के तहत राजपत्रित अधिसूचना लाएगा। इसके तहत, दवा का पर्चा पठनीय होना चाहिए और तरजीही रूप से यह बड़े अक्षरों में लिखा जाए तथा जेनेरिक दवाओं के नाम भी साथ में लिखे जाएं। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय द्वारा एक सप्ताह के भीतर इस तरह की अधिसूचना जारी की जा सकती है। हालांकि अधिसूचना का पालन नहीं करने पर डाक्टरों को कोई जुर्माना या सजा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एमसीआई के अन्य नियमन की तरह यह भी डाक्टरों के परामर्श होगा।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पिछले साल संसद में कुछ सांसदों की इस चिंता को साझा किया था कि दवा के अपठनीय पर्चे के मरीजों पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं और इससे कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के केके अग्रवाल ने कहा कि पर्चा बड़े अक्षरों में लिखने से पर्चे की गलतियां कम करने में मदद मिलेगी।

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